ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में मनाया गया रक्षाबंधन

मूलचन्द पेसवानी | 22 Aug 2021 01:04

संगीता बहन ने सभी की कलाई पर राखी बांधी, तिलक लगाया और मुख मीठा कराया


दैनिक भीलवाड़ा न्यूज- शाहपुरा के गांधीपुरी में स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय स्थानीय सेवा केंद्र द्वारा अलौकिक रक्षाबंधन महोत्सव का आयोजन रविवार को उल्लास पूर्वक किया गया। केंद्र में रक्षा बंधन का त्योहार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मनाया गया। बाद में महलों का चौक में स्थित उपकारागृह पहुंच कर संगीता बहन ने वहां के स्टाफ व कैदियों को रक्षा सूत्र बांधा व मिठाई खिलाई।

इस पावन अवसर पर केंद्र प्रभारी संगीता बहन ने भाई-बहन के पवित्र प्रेम का यादगार पर्व रक्षाबंधन के आध्यात्मिक महत्व को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह महान पर्व हमें हमारे वास्तविक पवित्र आत्मिक स्वरूप की स्मृति दिलाता है। इस स्मृति के आधार से हमारे जीवन में विकारों रूपी अशुद्धि समाप्त होती जाती है और हमारा जीवन प्रेम, शान्ति, खुशी, आनंद और शक्तियों से भरपूर होता जाता है। स्वयं निराकार परमपिता परमात्मा शिव बाबा आकर हमें हमारे सत्य धर्म पवित्रता का कवच पहनाकर हमें सच्ची सुरक्षा का अनुभव कराते हैं और यह रक्षा-कवच हमें आने वाले अनेक जन्म-जन्मांतर के लिए हर प्रकार से सुरक्षित कर देता है।

केंद्र प्रभारी संगीता बहन ने रक्षाबंधन के आध्यात्मिक रहस्य पर चर्चा करते हुए कहा कि यह रक्षा सूत्र मन, वचन कर्म की पवित्रता तथा प्रतिज्ञा का सूचक है। उन्होंने कहा कि रक्षाबन्धन का अर्थ ही होता है रक्षा के लिए बन्धन। हालांकि बंधन किसी को भी प्रिय नहीं होता है। परन्तु यहां इसका अर्थ यही है कि अपनी उन आसूरी प्रवृत्तियों से रक्षा के लिए मर्यादाओं के बन्धन में बंधना जिसके कारण हमें कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वास्तव में यह बन्धन नहीं बल्कि स्वतंत्रता है। मनुष्यात्माओं को आसुरी शक्तियों से रक्षा करने तथा दैवी शक्तियों के आह्वान करना ही इस रक्षाबंधन का उद्देश्य है। इसका महत्व भूलने के कारण ही आज भाई-बहन के रिश्तों पर भी अंगुली उठने लगी है। उन्होंने कहा कि यह समय परिवर्तन का समय है। आसुरी दुनियां समाप्त होकर दैवी दुनियां के आगमन का है। इसलिए हम परमात्मा द्वारा दिये जा रहे पवित्रता के इस प्यारे बंधन को समझकर अपने जीवन में उतारते हुए इसकी एक ऐसे समाज की स्थापना में मददगार बने जहाँ सिर्फ पवित्र रिश्तों का साम्राज्य हो। इस दृष्टिकोण से रक्षाबंधन का पर्व मनाने की आश्यकता है तभी इसकी सार्थकता है। यही ईश्वरीय संदेश है और भाई-बहन का त्योहार रक्षाबन्धन का भी। उन्होंने इस पवित्र पर्व पर इस संकल्प के साथ रक्षाबंधन का पर्व केवल भाई-बहन तक ही नहीं बल्कि सर्व लोगों के साथ यह पर्व मनायें। इस मौके पर षिक्षाविद षिवप्रकाष सोमाणी, रामस्वरूप काबरा, राहुल, एडवोकेट अखिल व्यास, ओमप्रकाष मूंदड़ा, राधेष्याम जीनगर सहित अन्य कई प्रबुद्व व्यक्ति मौजूद रहे

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