लोकसभा अध्यक्ष बिड़ला शांतिदूत श्रीमहाश्रमण की मंगल सन्निधि में पहुंचे

दैनिक भीलवाड़ा न्यूज | 18 Sep 2021 05:26

दैनिक भीलवाड़ा न्यूज, भीलवाड़ा। जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें देदीप्यमान महासूर्य, अहिंसा यात्रा प्रणेता आचार्यश्री महाश्रमण के पावन सान्निध्य में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला दर्शनार्थ पहुंचे। तेरापंथ धर्मसंघ एक ओर जहां अपने प्रथम आचार्य भिक्षु का 219वां चरमोत्सव (महाप्रयाण) मना रहा था। उस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष का भिक्षु के पट्टधर आचार्यश्री महाश्रमण के दर्शनार्थ उपस्थित होना आज के भव्य व आध्यात्मिक आयोजन और सामाजिक दृष्टि से और भी महत्त्वपूर्ण बना दिया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने आचार्यश्री के दर्शन कर आशीर्वाद लेने के उपरान्त अपने वक्तव्य में कहा कि आचार्यश्री महाश्रमण की आध्यात्मिक ऊर्जा से आज पूरा विश्व आलोकित हो रहा है। अहिंसा यात्रा के रूप में इतनी लम्बी पदयात्रा कर आपने समाज को नई दिशा प्रदान की है, इसके लिए मैं आपके श्रीचरणों में कोटि-कोट वन्दन करता हूं। आपके बेंगलुरु चतुर्मास के दौरान भी आपके दर्शन की इच्छा हुई थी जो आज पूरी हो रही है। आपके दिव्य आभामण्डल से हम सभी को प्रेरणा मिलती है। आपकी सद्भावना, नैतिकता व नशामुक्ति की पावन प्रेरणा समाज में एक नया परिवर्तन लाएगी, ऐसा मेरा विश्वास है। आपसे प्रेरणा लेकर जनप्रतिनिधि भी जनकल्याण का कार्य करें तो नई सामाजिक क्रान्ति हो सकती है। आचार्यश्री ने पावन पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि आज हमारे धर्मसंघ के प्रथम आचार्य भिक्षु का महाप्रयाण दिवस है। आज के दिन आपका आना हुआ है। अहिंसा यात्रा का सातवां वर्ष लगभग सम्पन्नता की ओर है। आचार्यश्री ने अहिंसा यात्रा की संकल्पत्रयी व आचार्य तुलसी द्वारा प्रतिपादित अणुव्रत की चर्चा करते हुए कहा कि भारत देश के लिए भौतिक उन्नति के साथ-साथ नैतिकता भी जुड़ जाए तो भारत देश पूरे विश्व में और अधिक सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर सकता है। जन-जन में सद्भावना व नैतिकता का विकास हो और नशामुक्तता की ओर देश बढ़े। आज आपका आना हुआ है। भारत नैतिकता व आध्यात्मिकता के क्षेत्र में विकास करे तो सर्वोत्कृष्ट विकास संभव हो सकता है। कार्यक्रम में महाश्रमणी साध्वीप्रमुखा कनकप्रभाजी ने भी प्रेरक उद्बोधन प्रदान किया। महाश्रमण सभागार में तेरापंथ के आद्य आचार्य भिक्षु का 219वां चरमोत्सव का आयोजन भव्य एवं आध्यात्मिक वातावरण में हुआ। आयोजन का शुभारम्भ आचार्यश्री के महामंत्रोच्चार से हुआ। मुख्यनियोजिका साध्वी विश्रुतविभाजी ने श्रद्धालुओं को आचार्य भिक्षु के जीवन से प्रेरणा ग्रहण करने को उत्प्रेरित किया। मुख्यमुनिश्री महावीरकुमार ने आचार्य भिक्षु के विराट व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। तत्पश्चात् तेरापंथ युवक परिषद-भीलवाड़ा द्वारा गीत का संगान, समणी कुसुमप्रज्ञा व समणी कमलप्रज्ञाजी का वक्तव्य हुआ। मुनिवृंद की ओर मुनि राजकुमारजी तथा समणी प्रणवप्रज्ञाजी ने गीत का संगान किया। आचार्यश्री ने इस अवसर पर चतुर्विध धर्मसंघ को पावन संबोध प्रदान करते हुए कहा कि आज हमारे प्रथम आचार्य महामना भिक्षु का 219वां महाप्रयाण दिवस है, जो चरमोत्सव के रूप में समायोजित है। आचार्य भिक्षु की प्रज्ञा विशिष्ट थी। आचार्य भिक्षु ने आगम वाणी का गहन अध्ययन कर विवेचन किया। उनका श्रुतज्ञान कितना निर्मल रहा होगा। उनमें शील और शौर्य भी था। उनकी बुद्धि और ज्ञान तीक्ष्ण थे। अपनी साधना यात्रा में न जाने कितने विरोधों को उन्होंने सहन किया। हम उनके प्रति अपनी श्रद्धाप्रणति अर्पित करते हैं। इस अवसर पर आचार्यश्री ने स्वरचित गीत का संगान किया। आचार्यश्री ने आगे फरमाते हुए कहा कि आज द्वादशी व त्रयोदशी संयुक्त होने से आचार्य डालगणी का भी महाप्रयाण दिवस है। वे एक ऐसे आचार्य हुए तो पूर्वाचार्यों द्वारा नहीं, बल्कि धर्मसंघ द्वारा चयनित आचार्य थे। वे एक तेजस्वी आचार्य थे। हम उनके प्रति भी अपनी श्रद्धाप्रणति अर्पित करते हैं। कार्यक्रम में बाल मुनि केशीकुमारजी व मुनि अर्हमकुमारजी ने आचार्यश्री ने अठाई की तपस्या का प्रत्याख्यान किया। संघगान के साथ समारोह का समापन हुआ। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के साथ अन्य महानुभावों में भीलवाड़ा सांसद सुभाष बहेड़िया, चितौड़गढ़ के सांसद सीपी जोशी, जहाजपुर विधायक गोपीचन्द मीणा, भाजपा जिलाध्यक्ष, दिगम्बर जैन समाज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश जैन ने भी आचार्यश्री के दर्शन कर पावन आशीर्वाद प्राप्त किया। भीलवाड़ा चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष प्रकाश सुतरिया ने सभी के स्वागत में अपनी भावाभिव्यक्ति दी।

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