मीणा समाज की बेटी जैन साध्वी बनेंगी, चातुर्मास में कथा सुनकर हुई प्रभावित, 5 नवंबर को दीक्षा लेंगी

Dainik bhilwara | 16 Oct 2023 11:22

दैनिक भीलवाड़ा न्यूज। 21 साल की तमन्ना मीणा 5 नवंबर को नीमच (मध्य प्रदेश) में दीक्षा लेंगी। बेटी के साध्वी बनने के फैसले पर उनका परिवार भी साथ है। उनका कहना है कि बेटी के बिछड़ने के दुख है, लेकिन धर्म के मार्ग के फैसले से गर्व हैं। आठ बहनों में सबसे छोटी तमन्ना पढ़ाई में भी होशियार रही हैं।

तमन्ना टोंक जिले के उखलाना गांव की रहने वाली हैं। सकल जैन समाज की ओर से तमन्ना की लगातार शोभायात्रा निकाली जा रही है। 28 अक्टूबर को उकलाना गांव में जैन समाज की ओर से एक बड़ा आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश के कोने-कोने से लोग पहुंचेंगे। इससे पहले चौथ का बरवाड़ा में जैन समाज की ओर से शोभायात्रा निकाली गई।

जैन मुनि की कथा सुनकर हुई प्रभावित

तमन्ना बताती हैं कि उनके गांव‌ उखलाना में अक्सर जैन मुनि आते रहते‌‌ हैं। साल‌ 2019 में जैन मुनि रामलाल महाराज ने‌ यहां चातुर्मास किया। इस दौरान वह नियमित प्रवचन सुनने जाती थी। तभी से उसका जैन‌ धर्म से जुड़ाव हुआ था।

दीक्षार्थी आठ बहनों में सबसे छोटी है। तमन्ना बीएससी सेकंड ईयर की पढ़ाई कर रही थीं। वह काफी समय से जैन साध्वी की सेवा में रहती थी। जैन पाठशाला में ही अध्ययन करती थी। तमन्ना अक्सर जैन साध्वियों के साथ सेवा में जाया करती थी। दीक्षार्थी तमन्ना की एक बहन गायत्री भी जैन साध्वी की सेवा में ही रहती है। वह भी जैन साध्वी की दीक्षा लेना चाहती हैं, लेकिन पहले छोटी बहन तमन्ना जैन ने जैन दीक्षा ले रही हैं। तमन्ना की बाकी बहनों की शादी हो चुकी है।



संन्यास से पहले सभी नियमों का किया पालन

तमन्ना बताती हैं कि संन्यास से पहले गुरुदेव वैराग्य भावना की पालना देखते हैं। इनको पैदल ही चलना पड़ता है। रोशनी का वह उपयोग नहीं कर सकते तथा पैरों में चप्पल भी नहीं पहनते हैं। साथ ही एक समय ही भजन करना होता है। इसके साथ ही जैन धर्म से जुड़ा सभी ज्ञान अर्जित करना पड़ता है। दीक्षा लेने के लिए पात्र होने के बाद ही उन्हें दीक्षा दी जाती है, जो तमन्ना ने पूरी कर ली है।

पूरा गांव जैन धर्म से प्रभावित

ग्रामीणों ने बताया कि पूरा गांव जैन धर्म से प्रभावित है। यह गांव मीणा समाज की अधिकता वाला गांव है। फिर भी यहां पर जैन धर्म के प्रति लोगों की गहरी आस्था है। यहां पर जैन स्थानक भवन है। जहां पर जैन समाज के बड़े-बड़े मुनि आते हैं तथा समाज के लोग उनकी सेवा करते हैं। इसी के चलते यह बालिका भी जैन धर्म के प्रति प्रभावित हुई। उखलाना गांव के मीणा समाज के लोग लगभग 230 सालों से जैन धर्म को फॉलो कर रहे हैं। संवत् 1853 में उखलाना के लच्छीराम मीणा ने सबसे पहले जैन मुनि रीखलाल महाराज से जैन धर्म की दीक्षा ली थी।। तब से उनके वंशज आज भी जैन धर्म को मानते हैं।

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