जर्जर अवस्था में राजघराने की छतरियां
आसींद। उपखंड क्षेत्र आसींद के देवस्थान विभाग के अधीन कुल 11 मंदिर है दूल्हे गोपालेश्वर मंदिर, गोपालेश्वर महादेव, आसींद राय माताजी मंदिर, नवल बिहारी, लक्ष्मी नारायण बड़ा मंदिर, राजघराने की महासतीजी का छतरियां, राठौड़जी का मंदिर, चावड़ीजी का हाथी वाला मंदिर माजीसा, बाण नाथ मंदिर, चारभुजा नाथ मंदिर करजालिया, महादेव मंदिर बाड़ी, (खालसा ) जिसमे देवस्थान विभाग अजमेर द्वारा मरम्मत रखरखाव रंग रोगन के लिए सात मंदिर पर लगभग 4 लाख सितर हजार रूपयो का बजट पास किया गया सातों मंदिरों पर मरम्मत एवं राग रोगन का कार्य चल रहा है, वही बाण नाथ मंदिर राजघराने के महल में स्थित था महल गिरने के बाद मंदिर की मूर्तियां स्वर्णकार समाज के शिव मंदिर में विराजमान है, आज दिन तक मंदिर नहीं बन पाया। विश्व हिंदू परिषद के परसराम सोनी ने बताया कि इसका पुन निर्माण होना चाहिए एवं मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाए ताकि नगर वासी दर्शन लाभ ले सके। 80 वर्षीय नानूराम शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि महादेव जी बॉड़ी बाढ़ के समय बह गया था देवस्थान विभाग में खालसा दर्शाया गया है। आसींद रानी मंदिर की पुजारी घनश्याम पंडा ने जानकारी देते हुए बताया कि 15 वर्ष पूर्व इस मंदिर का पुन निर्माण किया गया जिस पर आज दिन तक कलश स्थापना नहीं की गई बिना कलश स्थापना के ही माताजी मंदिर पूजा अर्चना हो रही है और यह 12 खेड़ो का मंदिर होते हुए भी देवस्थान विभाग के अधीन है. राजघराने की महासतिया जी की छतरियां रिण, सिण जर्जर अवस्था में अपनी बया सुना रही है गोपाल सिंह चुंडावत ने सरकार से मांग की है कि प्राचीन धरोहर को बचाने के लिए इन राजघराने की छतरियो का पुन: निर्माण मरमत रंग रोगन करवाया जाए राठौड़जी का मंदिर पर भी कोई विकास नहीं हुआ।
गिरीश कुमार बचानी सहायक आयुक्त देवस्थान विभाग अजमेर-
आगामी जो भी बजट होगा शेष रहे मंदीरो जर्जर छतरियो का भी मरम्मत एवं विकास करवाया जाएगा