अपनी संस्कृति और जड़ों से जुडने से होता है बच्चों का सर्वांगीण विकास

पंकज पोरवाल | 22 Jun 2023 01:24

दैनिक भीलवाड़ा न्यूज, भीलवाड़ा। शहर के नेहरू रोड स्थित संगीत कला केंद्र द्वारा आयोजित 75 दिवसीय अभिरुचि शिविर के समापन पर कला महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना, सरस्वती वंदना और स्वागत गीत के साथ हुई। शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति देते हुए बच्चों ने ए री सखी मेरे पिया घर आए और ओ पालनहारे गीत से आरंभ किया। छोटे बच्चों ने ठुमरी काहे छेड़ छेड़ मोहे से अपने कत्थक की प्रस्तुति दी। महाराणा प्रताप पर आधारित नीला घोड़ा रा असवार समूह गान में प्रस्तुत कर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। राग बसंत में चतुरंग और ताल धमार में कत्थक की प्रस्तुति ने दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। 5 से 6 वर्ष के बच्चों ने लोक नृत्य से दर्शकों को खड़े होने को मजबूर कर दिया। समारोह के मुख्य अतिथि अतिरिक्त जिला कलेक्टर एवं मजिस्ट्रेट डॉ. राजेश गोयल ने कहा कि बच्चों में कला ईश्वरीय देन होती है किंतु गुरु उन्हें निखार कर संवार कर कलाकार बना देता है। भीलवाड़ा केवल वस्त्र नगरी ही नहीं है, बल्कि कला नगरी भी है। यहां पर सभी तरह की कलाओं का प्रशिक्षण भी दिया जाता है और कलाकार भी तैयार होते हैं। समारोह के अध्यक्ष बार काउंसिल ऑफ इंडिया के को-चेयरमैन एडवोकेट सुरेश चन्द्र  श्रीमाली ने कहा कि संगीत कला केंद्र जिस तरह छोटे-छोटे बच्चों को प्रशिक्षण दे रहा है वह सराहनीय है। अपनी संस्कृति और जड़ों से जुडने से बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है। उन्होंने कत्थक गुरु करण पवार के कार्य की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे गुरु भीलवाड़ा की धरोहर है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सुमित यादव नेहरू युवा केंद्र ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा की यह बच्चे युवा होकर भारत का भविष्य बनेंगे। इनकी ऊर्जा और इनका जोश इन्हें भविष्य में अच्छा कलाकार बनाएगा। कार्यक्रम का संचालन प्रतिष्ठा ठाकुर और रजनी कंवर चुंडावत ने किया। संगीत कला केंद्र की ओर से अभिनंदन पत्र और मोमेंटो बनेड़ा राजपरिवार के गोपाल चरण द्वारा प्रदान किए गए। संस्थान सचिव महेश जोशी ने आभार जताया।

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