यह गाइडलाइन ठीक नहीं सरकार, कोरोना नहीं देख रहा शहर-गांव सरकार, अब बच्चे खतरे में है सरकार
ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों को कब मिलेगी छुटटी
गांवों के बच्चे भी अब तो संक्रजित हो गए
दैनिक भीलवाड़ा न्यूज। कोरोना की तीसरी लहर अब घातक हो रही है। जिले मे बच्चो के संक्रमितों का आंकडा़ 260 हो गया है। चिंताजनक बात यह भी है कि गा्रमीण क्षेत्रों में स्कूल खुले है इसलिए संक्रमितों की संख्या भी गांवों में अधिक है। प्रदेश में हर दिन दोगुनी रफतार से फैल रहे कोरोना संक्रमण के बीच गांवों में स्कूले खुली रखने का निर्णय बच्चों पर भारी पड़ने की आंशका है। ऐसे में सरकार को गा्रमीण अंचलों की स्कूलों को लेकर अभी कोई निर्णय की जरूरत है। ताकि कोरोना के लगातार बढ़ रहे मरीजों के बीच कम से कम बच्चों में होने वाले संक्रमण को रोका जा सके।
शहरी क्षेत्रों की स्कूलों में जहा 12वीं कक्षा तक के बच्चो की 30 जनवरी तक छुटी कर दी गई, वहीं गा्रमीण क्षेत्र की स्कूलो में अब तक बच्चों की पढाई अभी जारी है। जबकि जिले में सभी गांव में कोरोना फैल चुका है। इतना ही नहीं गांवों की स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन की भी धज्जिया उठाई जा रही है। स्कूलों में बच्चे ना मास्क पहन रहे ना ही उन्हे डिस्टेंसिगं से बैठाया जा रहा है शिक्षकों द्वारा भी बच्चों से गाइडलाइन की पालना नही करवाई जा रही। दैनिक भीलवाड़ा न्यूज टीम ने जिले के विभित्र गांवो का दौरा किया तो स्कूलों में अधिकतर बच्चे बिना मास्क ही पढते मिले। इसके बावजूद राज्य सरकार गांवों में स्कूल खुले रखने की जिद पर अड़ी है। अभिभावकों का कहना है कि सरकार को नगरीय क्षेत्र के बच्चों की तो चिंता है। जिसके चलते उनके तो स्कूल बंद कर दिए गए है जबकि ग्रामीण क्षैत्र के बच्चों के स्वास्थ को लेकर कोई चिंता नहीं है। सरकार का यह दोहरा रवैया ठीक नहीं है। सरकार को स्थिति काबू में नही आने तक ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों को भी बंद करना चाहिए।
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