भारत के इतिहास में सबसे बड़ी सजा: 38 को सजा-ए-मौत, 11 दोषियों को आजीवन कारावास, एक आरोपी सरकारी गवाह बना; 70 मिनट में 21 धमाकों से दहल गया था देश
दैनिक भीलवाड़ा न्यूज।दिन शुक्रवार, सुबह 11.30 बजे... वो वक्त जब अदालत ने 13 साल तक आतंक से मिले जख्मों का दर्द सहने वाले अहमदाबाद को इंसाफ दिया। अहमदाबाद में 2008 में हुए बम धमाकों के दोषियों को 13 साल बाद सजा सुनाई गई है। गुजरात की विशेष अदालत इस सीरियल बम ब्लास्ट के 38 दोषियों को सजा-ए-मौत दी है। वहीं 11 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने पिछले मंगलवार को इस मामले में सुनवाई पूरी कर ली थी और 49 लोगों को पहले ही दोषी करार दिया था। फैसला ऐतिहासिक है, क्योंकि देश के इतिहास में पहली बार एकसाथ 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है। इससे पहले केवल राजीव गांधी हत्याकांड ही था, जिसमें एकसाथ 26 लोगों को सजा सुनाई गई थी।
70 मिनट में हुए थे 21 धमाके26 जुलाई 2008, यही वह दिन था जब 70 मिनट के दौरान 21 बम धमाकों ने अहमदाबाद की रूह को हिलाकर रख दिया। शहर भर में हुए इन धमाकों में कम से कम 56 लोगों की जान गई, जबकि 200 लोग घायल हुए थी। धमाकों की जांच-पड़ताल कई साल चली और करीब 80 आरोपियों पर मुकदमा चला। पुलिस ने अहमदाबाद में 20 प्राथमिकी दर्ज की थीं, जबकि सूरत में 15 अन्य प्राथमिकी दर्ज की गई थीं, जहां विभिन्न स्थानों से भी जिंदा बम बरामद किए गए थे।
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