जिसे लेना व देना आ गया वह सुगति का अधिकारी- समकित मुनि
दैनिक भीलवाड़ा न्यूज, भीलवाड़ा। किसी भी कार्य मे यदि देने वाला और लेने वाला दोनों परफेक्ट हो तो इतिहास बनता है। देने वाला भगवान महावीर ओर लेने वाला गौतम हो तो अमृत का निर्माण होता है। देने वाला भगवान महावीर ओर लेने वाला गोशालक हो तो बात बनती है। देने वाला कृष्ण और पाने वाला अर्जुन हो तो गीता का जन्म होता है। देने वाला कृष्ण लेकिन पाने वाला दुर्योधन हो तो बात नहीं बनती। जिसे लेना व देना आ गया वह सुगति का अधिकारी है।
ये विचार आगमज्ञाता प्रज्ञामहर्षि डा. समकितमुनि म.सा. ने शांतिभवन में मंगलवार सुबह प्रवचन श्रंखला का आगाज करते हुए व्यक्त किए। सैकड़ो श्रावक-श्राविकाओ की मौजूदगी में उन्होंने कहा कि जैसा देते है वैसा ही मिलेगा यह सिद्धांत तो तय है लेकिन जैसा मिलता है उससे अच्छा देते है तो भगवान बनने के मार्ग पर आगे बढ़ते है। पूज्य समकितमुनिजी ने कहा कि जैसा मिलता वैसा देने वाला संसारी ओर जैसा मिला उससे अच्छा देने वाला भगवान बनने के मार्ग पर है। अविनय को जो सहन कर जाता है वह बहुत जल्दी भगवान बन जाता है। अविनय सहन नही कर पाते है तो भले कितने बड़े ही जाए दुर्गति में ही जाते है। उन्होंने बताया कि विधिवत रूप से चातुर्मास स्थापना बुधवार को होंगी। प्रवचन में प्रेरणाकुशल भवान्तमुनि म.सा. एवं गायनकुशल जयवंतमुनि म.सा. का भी सानिध्य मिला।
शांतिभवन में पूज्य समकितमुनि म.सा. के सानिध्य में चातुर्मास स्वागत के उपलक्ष्य में मंगलवार से सामूहिक तेला तप आराधना शुरू हो गई। पहले दिन सैकड़ो श्रावक- श्राविकाओ ने उपवास का प्रत्याख्यान लिया। तेला तप करने वालों की तपस्या सुखसाता से सम्पन्न हो इसके लिए पूज्य समकितमुनिजी म.सा. द्वारा प्रवचन के बाद बड़ी मांगलिक प्रदान की गई। शांतिभवन श्रीसंघ के मंत्री राजेन्द्र सुराना ने बताया कि तेला तप आराधकों के सामूहिक पारणे 15 जुलाई को शांतिभवन में होंगे।