फूलडोल महोत्सव का आगाज: धुलंडी के दिन शाहपुरा में नहीं खेला जाता रंग, निकाली अणभैवाणी की शोभायात्रा

मूलचन्द पेसवानी | 07 Mar 2023 09:56

दैनिक भीलवाड़ा न्यूज़, शाहपुरा। आज जब पूरा देश होली के सतरंगे रंगो में सरोबार रहा वहीं भीलवाडा जिले के शाहपुरा के वाशिन्दों ने रामस्नेही संप्रदाय के संस्थापक महाप्रभु स्वामी रामचरण महाराज की अणभैवाणी की शोभायात्रा के संग रामनाम सुमिरन व निर्गुणी भजन गायन में व्यतीत किया।

भीलवाडा जिले के शाहपुरा में रामस्नेही संप्रदाय के वार्षिक फूलडोल का मुख्य महोत्सव का आज धुलंडी के दिन से ही आगाज हो गया है। यह महोत्सव यों तो पांच दिन का होता है पर इस बार छह दिन का हो रहा है। यह महोत्सव रंग पंचमी तक चलेगा। रामानिवास धाम में संप्रदाय के पीठाधीश्वर आचार्य के दर्शन करने के साथ आर्शीवाद प्राप्त करने वालों की कतार लगी। महोत्सव के दौरान देशभर के रामस्नेही संत एक साथ शाहपुरा में एकत्र होते है।

स्ंप्रदाय की परंपरा के मुताबिक आज नया बाजार स्थित राममेडिया से अणभैवाणी की शोभायात्रा निकाली गई। अणभैवाणी संस्थापक आचार्य महाप्रभु रामचरण महाराज के अनुभवों का मुख्य ग्रंथ है। शोभायात्रा धाम रामनिवास धाम पहुंच कर बाद में धर्मसभा में परिवर्तित हो गई। यह शोभायात्रा महोत्सव के प्रतिदिन निकाली जाती है। इससे पूर्व रात्रि में जागरण की परंपरा में आचार्य संतो के साथ शोभायात्रा के रूप में सूरजपोल से रवाना होकर रामनिवास धाम में स्थित रामकोठी परिसर में बनाए गए विशाल पांडाल में पंहुचे। पगमंडे बिछाकर बैंडबाजों के साथ विशाल शोभयात्रा निकाली गई। इस मौके पर आचार्य ने भक्त प्रहलाद चरित्र पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए फूलडोल महोत्सव पर प्रकाश डाला। रामस्नेही संप्रदाय के पीठाधीश्वर आचार्य रामदयाल महाराज ने फूलडोल महोत्सव को रामस्नेही अनुरागियों का महाकुभ बताते हुए कहा कि यहां आकर संत दर्शन, धाम दर्शन करके तथा भजन आराधना करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

300 अस्थायी दुकानों का निर्माण-

नगरपालिका शाहपुरा द्वारा अस्थाई मेला परिसर में 300 दुकानों का निर्माण कराया गया है। नगर पालिका मेले में आने वालों के मनोरंजन के लिए कार्यक्रम भी करवा रही है। इसके अलावा डोलर चकरी वालों सहित अन्य मनोरंजन के साधनों का उत्साह बना हुआ है। पालिका ने सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे भी लगवाये गये है। इस अवसर पर रामनिवास धाम परिसर को आकर्षक साज सज्जा से सजाया गया है। मुख्य द्वार से लेकर सूरजपोल, बारादरी, लाल चैक, आचार्य स्मारक, आदि को विद्युत साज सज्जा से सजाया गया है।

देश विदेश से यहां पंहुचने वाले भक्तजन बतातें हैं कि वे हर वर्ष यहां फूलडोल महोत्सव में आकर सुखद शांति ठ भी औरकी अनुभूति करते हैं तथा धाम व संतो के दर्शन करने से उनको असीम आनंद की अनुभूति होती है।

कंबल बनी आकर्षण का केंद्र- रामनिवास धाम में महोत्सव के दौरान विशेष आकर्षण का केन्द्र बिंदु बारादरी में रखी काली कंबल बनी हुई है। यह काली कंबल महाप्रभु स्वामी रामचरण महाराज के देवलोकगमन पर हुए दाह संस्कार के समय भी सुरक्षित रही थी। इस कंबलजी को वर्ष में केवल एक बार ही फूलडोल महोत्सव के अवसर पर भक्तजनों के दर्शनार्थ रखा जाता है।

अस्थायी पुलिस चैकी- मेले में सुरक्षा की दृष्टि से एसडीएम पुनीत कुमार गेलड़ा, डिप्टी महावीर प्रसाद शर्मा, तहसीलदार रामकिशोर व सीआई राजकुमार नायक की अगुवाई में सैकडो पुलिस जवान तैनात किये गये है। रामनिवास धाम में भी अस्थाई पुलिस चैकी कायम की गई है।

उल्लेखनीय है कि शाहपुरा में धुलंडी के दिन रंग नहीं खेलने की परंपरा पिछले लगभग 252 वर्षों से चली आ रही है। धुलंडी के दिन से ही इस महोत्सव का आगाज हो जाता है व इसमें देश विदेश से कई असंख्य लोग भाग लेते हैं। इस महोत्सव के बाद शाहपुरा में शीतला अष्टमी पर धूमधाम से शहरवासियों द्वारा रंग खेला जाता है।

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