हर क्रिया हो ध्यान युक्त - आचार्य महाश्रमण

धर्मेन्द्र कोठारी | 30 Sep 2021 03:51

  • अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह - नशा मुक्ति दिवस
  • शांतिदूत के सान्निध्य में प्रेक्षाध्यान दिवस आयोजित
  • अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल का शपथ ग्रहण समारोह

दैनिक भीलवाड़ा न्यूज। तीर्थंकर के प्रतिनिधि अहिंसा यात्रा प्रणेता शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमण का भीलवाड़ा चातुर्मास विविध गतिविधियों, कार्यक्रमों के साथ सानंद गतिमान है। आचार्य श्री के सान्निध्य में अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अंतर्गत आज नशा मुक्ति दिवस मनाया गया जिसके तहत अणुव्रत समिति भीलवाड़ा के प्रयास से अनेक व्यक्तियों ने आचार्य प्रवर के समक्ष नशे का परित्याग किया। आज गुरुदेव के सानिध्य में प्रेक्षा ध्यान दिवस भी मनाया गया। आचार्य प्रवर ने सभी को प्रेरणा प्रदान कर प्रेक्षाध्यान के प्रयोग करवाएं। साध्वीप्रमुखा कनकप्रभा ने भी उद्बोधन प्रदान किया। प्रवचन में आचार्य श्री महाश्रमण ने कहा कि नशे को नाश का द्वार कहा गया है। नशे के कारण आत्मा का नुकसान तो होता ही है, व्यवहारिक कठिनाई भी पैदा हो सकती है। यह सोचे कि आत्मा का उत्थान कैसे हो। नशा गर्त की ओर ले जाता है। नशा छोड़ने से संयम भी हो जाता है। कोई सारा नशा एक साथ नहीं छोड़ सकते हो तो एक-एक करके कदम बढ़ाए, मंजिल अपने आप मिल जाती हैं। हमारे संघ में साधु-साध्वी, समणीगण भी लोगों को नशे का त्याग करवाते रहते हैं। जनता में नशामुक्ति की भावना हृदय में जागे, यह काम्य है। आचार्य प्रवर ने प्रेरणा देते हुए आगे कहा कि आचार्य श्री तुलसी की अनुशासना में आचार्य श्री महाप्रज्ञ ने प्रेक्षाध्यान का एक महनीय आयाम विश्व को दिया। प्रेक्षाध्यान साधना पद्धति से चेतना को उज्जवल बनाया जा सकता है। इसके पांच सूत्र है- भावक्रिया, प्रतिक्रिया विरति, मैत्री, मिताहार और मित भाषण। ये जीवन शैली के बहुत सुंदर सूत्र है। हमारी हर गतिविधि में भावक्रिया रहनी चाहिए। खाते, चलते कोई भी कार्य करें उसमें एकचित्त हो जाए और कोई विचार नहीं हो तो हर क्रिया में ध्यान आ जाता है।अणुव्रत और प्रेक्षाध्यान तेरापंथ के व्यापक आयाम हैं, लोक कल्याणकारी है। वर्तमान समय में ध्यान की विधा के प्रति रुझान बढ़े यह काम्य है। इस अवसर पर अणुव्रत समिति भीलवाड़ा के मंत्री राजेश चोरडिया ने विचाराभिव्यक्ति दी।

अभातेममं का शपथ ग्रहण समारोह

कार्यक्रम में अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल का शपथ ग्रहण समारोह भी आयोजित हुआ। जिसमें नवनिर्वाचित अध्यक्षा नीलम सेठिया को मंडल की प्रधान ट्रस्टी शांता पुगलिया एवं निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्षा पुष्पा बैद ने शपथ दिलाई। अध्यक्षा द्वारा कार्यकारिणी को भी गुरुदेव के समक्ष शपथ दिलाई गई। संचालन तरुणा बोहरा ने किया।

शपथ ग्रहण समारोह के संदर्भ में आचार्यप्रवर ने फरमाया- समाज में संस्थाओं के माध्यम से अच्छे ढंग से कार्य किया जा सकता है। संगठन के लिए यह जरूरी है कि संगठन के सदस्य, कार्यकर्ताओं में योग्यता हो और प्रबंधन सुचारू हो। इमोशनल बैलेंस के साथ जब तनावमुक्त होकर कार्य होता है, विवेक पूर्वक कार्य होता है तो और अच्छा कार्य हो सकता है। अगर मैं आकलन करूं तू अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल समाज के लिए गौरवपूर्ण संस्था है। कितनी ही सामाजिक, धार्मिक गतिविधियां मंडल द्वारा संचालित होती है। नई टीम आशा के साथ आगे और अच्छा कार्य करती रहे। सभी आध्यात्मिकता बढ़ाने का कार्य करे, मंगलकामना।

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