अपराधी हुए बेखौफ, खाक में मिला खाकी का डर, कानून-व्यवस्था बेहाल
दैनिक भीलवाड़ा न्यूज, भीलवाड़ा। एक जमाना था जब पुलिस की घर पर दस्तक से अपराधियों कें पसीनें छूट जाते थे लेकिन बदलते समय के साथ पुलिस की वर्दी पर कई बार हाथ डाला गया। समाज में आए परिवर्तन के साथ ही खाकी का रूतबा भी कम हुआ है। कभी रौब-रूआब का पर्याय मानी जाने वाली खाकी भी आज असुरक्षित हो गई है। पुलिस विभाग के अधिकारी एंव पुलिसकर्मियों के साथ होती आपराधिक घटानाएं खाकी की दशा की हकीकत बयां कर रही है। जिले में पुलिस की वर्दी तार तार है और कानून व्यवस्था जार जार। रौब और इकबाल का पर्याय मानी जाने वाली खाकी अब खुद पर हमलों से बेहाल है। जनता तो दूर वह खुद की भी हिफाजत नहीं कर पा रही है। ऐसे में जनता कैसे सुरक्षित रहेगी यह सोचनीय विषय है।
अपराधियों में डर, आमजन में विश्रास, सिर्फ स्लोगन तक सिमट गया है। हकीकत में अपराधियों में पुलिस व कानून का डर नही है। यदि पिछले कुछ महीने में हुई आपराधिक घटनाओं को देख तो यह कहा जा सकता है कि अपराधियों ने सीधे पुलिस के इकबाल को चुनौती दी है। पुलिस जनता की सुरक्षा के लिए होती है। लेकिन जो पुलिस खुद ही असुरक्षित हो वो जनता की सुरक्षा कैसे कर सकती है। भीलवाड़ा जिले में भी खाकी कई बार हमलों का शिकार हुई है। अब तो दबिश के दौरान भी पुलिस पर हमले हुए है। पुलिस के प्रति माहौल दिन बे दिन बिगड़ता जा रहा है। कभी बजरी माफिया तो कभी कोई अवैध काम करने वाले लोग पुलिस पर आये दिन हमले व मारपीट कर रहे है। जिले में पहले पुलिस अपनी वर्दी का इकबाल कायम करें, क्योकि अपराधियों का काम ही है अपराध करना। अपराधों का इस तरह से बढ़ जाना चिंता का विषय है लेकिन इन पर अकुंश लगाने की जिम्मेादारी भी पुलिस विभाग कि है।
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