11 अप्रैल को तुलसी से होगा विवाह: देवली से जाएगा कोटड़ी श्याम के लिए मायरा
दैनिक भीलवाड़ा न्यूज। जिले में 11 अप्रैल को कोटड़ी में भगवान चारभुजानाथ की तुलसी के साथ होने वाली शादी में देवली से मायरा ले जाया जाएगा। इसको लेकर देवली में तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। कोटड़ी मंदिर मंडल की और से देवली में मायरे का न्योता दिया जाएगा जिसके बाद देवली से धूमधाम से लोग इस मायरे में शामिल होकर भगवान चारभुजानाथ को मायरा पहनाएंगे।
दरअसल, देवली शहर में भगवान चारभुजानाथ का ननिहाल माना गया है। यहां जहाजपुर चुंगी नाका स्थित रामेश्वर दीया का परिवार हर बार आयोजित होने वाले विवाह समारोह में भगवान चारभुजानाथ के नाना के रूप में पहुंचकर मायरा भरते आए हैं। वे चौथी दफा मायरा भर रहे हैं। इस बार भी वह अपने परिवार के साथ कोटडी तुलसी विवाह में मायरा लेकर जाएंगे। भगवान चारभुजानाथ के मामा बने राजेंद्र व राकेश दिया ने बताया कि आगामी 11 अप्रैल को भगवान चारभुजानाथ का तुलसी विवाह है। इसे लेकर वे 10 अप्रैल को देवली से भव्य मायरा लेकर कोटडी पहुंचेंगे। उन्होंने मायरे से जुड़ी सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
- यह ले जाया जाएगा मायरे में
मायरे में भगवान चारभुजानाथ के लिए पोशाक, चांदी की बंशी, नारियल, कड़ा तथा चांदी की झांझरी बनवाई गई है। इसी तरह मंदिर में 12 माह पूजा करने वाले पुजारियों तथा उनकी पत्नियों के लिए नारियल, साफा, धोती, व साफी खरीदी गई है। इसके अलावा कोटडी में विभिन्न एक दर्जन मंदिरों के पुजारियों के लिए पोशाक व साफा आदि का प्रबंध किया गया है। वही शिव मंदिर के पुजारी के लिए भी पोशाक व कपड़ों का प्रबंध किया गया है।
- 200 से ज्यादा लोग होंगे शामिल
उन्होंने बताया कि वह 10 अप्रैल को करीब 150 से 200 लोगों के साथ कोटडी में मायरा लेकर पहुंचेंगे। जहां हर बार की भांति कोटडी के ग्रामीण तथा मंदिर से जुड़े पदाधिकारी उनकी अगवानी करेंगे। इसके बाद मंदिर परिसर में ही मायरा बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि मायरे में मौजूद सभी लोगों का दुपट्टा ओढ़ाकर अभिनंदन भी किया जाएगा।
- भीलवाड़ा जाएंगी भगवान की बारात
रामेश्वर दिया ने बताया कि इसके अगले दिन 11 अप्रैल को भगवान चारभुजानाथ की बरात भीलवाड़ा निवासी किशनलाल उपाध्याय के यहां जाएगी। यह मौका भव्य होगा। हर बार बरात में हजारों लोग शामिल होते हैं। वहीं सैकड़ों वाहन इसमें शामिल होकर भगवान की बारात में पहुंचते हैं। यह आयोजन ऐतिहासिक के साथ भव्य व विशाल होता है।