राष्ट्रीय हिंदी दिवस: हिंदी भाषा शताब्दियों से राष्ट्रीय एकता का माध्यम रही है

दैनिक भीलवाड़ा न्यूज | 14 Sep 2022 07:42

हिंदी भारत की मातृ भाषा है। भारत में हिंदी बोलने वाले क्षेत्र व लोग सबसे अधिक है। अंग्रेंजी के बाद हिन्दी को ही कामकाज की दूसरी भाषा के रुप में प्रयोग किया जाता है।  हिन्दी को संस्कृत का ही अपभ्रंश रुप माना जाता है जो साहित्य में भी झलकता है। हिन्दी की महत्वता को प्रदर्शित करने के लिए भारत में हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। 

हिंदी के राजभाषा बनने का इतिहास

इस दिन को मनाने के पीछे एक कारण देश में अंग्रेज़ी भाषा के बढ़ते चलन और हिंदी की उपेक्षा को रोकना है। देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी को 14 सितंबर, 1949 को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया था। काका कालेलकर, मैथिलीशरण गुप्त, हज़ारी प्रसाद द्विवेदी, सेठ गोविंददास ने हिंदी को राजभाषा बनाने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।


पहला हिंदी दिवस वर्ष 1953 में मनाया गया था।

हिंदी के अलावा अंग्रेजी दूसरी आधिकारिक भाषा (संविधान का अनुच्छेद 343) हैं। हिंदी आठवीं अनुसूची की भाषा भी है। साल 1947 में जब अंग्रेजी हुकूमत से भारत आजाद हुआ तो उसके सामने भाषा को लेकर सबसे बड़ा सवाल था। क्योंकि भारत में सैकड़ों भाषाएं और बोलियां बोली जाती है। 6 दिसंबर 1946 में आजाद भारत का संविधान तैयार करने के लिए संविधान का गठन हुआ। संविधान सभा ने अपना 26 नवंबर 1949 को संविधान के अंतिम प्रारूप को मंजूरी दे दी। आजाद भारत का अपना संविधान 26 जनवरी 1950 से पूरे देश में लागू हुआ। लेकिन भारत की कौन सी राष्ट्रभाषा चुनी जाएगी ये मुद्दा काफी अहम था। काफी सोच विचार के बाद हिंदी और अंग्रेजी को नए राष्ट्र की भाषा चुना गया। संविधान सभा ने देवनागरी लिपी में लिखी हिन्दी को अंग्रेजी के साथ राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया था। 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से निर्णय लिया कि हिंदी ही भारत की राजभाषा होगी।

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा कि इस दिन के महत्व को देखते हुए हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाए। बतादें पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 में मनाया गया था। साल 1918 में महात्मा गांधी ने हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था। इसे गांधी जी ने जनमानस की भाषा भी कहा था। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पहले ऐसे नेता थे, जिन्होंने 1977 में वैश्विक स्तर पर हिंदी में एक अंतरराष्ट्रीय दर्शकों को संबोधित किया था। उस वक्त वे विदेश मंत्री थे। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिंदी में भाषण दिया था । हिंदी उन सात भाषाओं में से एक है जिसका उपयोग इंटरनेट पर वेब साइट बनाने के लिए किया जाता है। इस भाषा के ये सभी पहलू इसे पूरे विश्व में प्रतिष्ठित भाषाई महत्व देते हैं ।


भारत के अतिरिक्त अन्य देशों में हिंदी का प्रयोग

दुनिया में बोली जाने वाली कुल भाषाओं में हिंदी पाँचवीं सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।

वर्तमान में पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, न्यूज़ीलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, युगांडा, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद, मॉरीशस और दक्षिण अफ्रीका में हिंदी भाषा का प्रयोग किया जाता है।

हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए सरकारी प्रयास

वर्ष 1960 में शिक्षा मंत्रालय के तहत भारतीय राज्यों के गैर-हिंदी भाषी लोगों, विदेशों में बसे भारतीयों और हिंदी सीखने के इच्छुक विदेशी नागरिकों को पत्राचार के माध्यम से हिंदी का ज्ञान प्रदान करने के उद्देश्य से ‘केंद्रीय हिंदी निदेशालय’ की स्थापना की गई थी।

भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद ने विभिन्न विदेशी विश्वविद्यालयों/संस्थानों में 'हिंदी चेयर' की स्थापना की है।

‘लीला-राजभाषा’ (लर्न इंडियन लैंग्वेज थ्रू आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) हिंदी सीखने हेतु एक मल्टीमीडिया आधारित स्व-शिक्षण अनुप्रयोग है।

राजभाषा विभाग द्वारा विकसित ‘ई-सरल हिंदी वाक्य कोश’ और ‘ई-महाशब्द कोश मोबाइल एप’ का उद्देश्य हिंदी के विकास के लिये सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग को सुनिश्चित करना है। ‘राजभाषा गौरव पुरस्कार’ और ‘राजभाषा कीर्ति पुरस्कार’ हिंदी में उनके दिए गए योगदान के प्रयासों को मान्यता प्रधान करते हैं।


  • जी एस दायमा 

पूर्व वरिष्ठ बैंक अधिकारी एवं सामाजिक कार्यकर्ता

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