राज्य की एकमात्र शक्तिपीठ जहां अनोखी पंरपरा: नवरात्रा में घाटारानी के पट बंद, 8 दिन तक बाहर से पूजा अर्चना

रविन्द्र सिंह राणावत | 07 Apr 2022 09:30

दैनिक भीलवाड़ा न्यूज, जहाजपुर। उपखंड क्षेत्र में पहाड़ी पर प्रमुख शक्तिपीठ स्थान है जो बहुत ही प्रसिद्ध है और जन-जन की आस्था का केंद्र है। यहां पर दोनों नवरात्रा में अमावस्या पर घट स्थापना होने के साथ ही माता रानी के दर्शन नहीं हो पाते है। भक्तगण बाहर से ही 8 दिन तक पूजा अर्चना करते हैं। राज्य की एकमात्र शक्तिपीठ है जहां हर नवरात्रा में माताजी के पट बंद रहते हैं। यहां की ऐसी मान्यता है कि जो भी सच्चे मन से मां के दरबार में पहुंचता है। मां बिना मांगे ही उसकी सारी मुरादें पूरी करती है। ऊंचे पहाड़ों पर विराजमान घाटारानी श्रद्धालुओं की आस्था व अटूट विश्रास का केन्द्र है।

देश में नवरात्रा चल रहे है। लेकिन वर्षा पुरानी परंपरा के अनुसार जहाजपुर से 12 किलामीटर दूर घाटारानी माताजी के पट बंद है। जो अष्टमी के दिन सुबह आरती के बाद खुलगें। नवरात्रा शुरू होने के साथ ही पट बंद होने से 8 दिन तक पूजा अर्चना निज मंदिर के बाहर से होती है वैसे तो नवरात्र में हर माता के मंदिर में माताजी की घट स्थापना के साथ ही 9 दिन तक विशेष श्रृंगार कर पूजा अर्चना की जाती ओर दर्शन भी किए जाते हैं। लेकिन घटारानी माता की अनोखी परंपरा होने की वजह से नवरात्र में 8 दिन तक माता के पट बंद रहते हैं और अष्टमी के दिन पट खुलते हैं। माता के पट खुलने के साथ ही घटारानी मंदिर परिसर में मेले का आयोजन किया जाता है। नवरात्र में यहां भक्तों का ताला लगा रहता है, अष्टमी के दिन मेला भरता है अष्टमी के दिन आसपास के गांव से माता के मंदिर पैदल यात्री जयकार के साथ पहुंचते हैं।

  • साल में दो बार दो दिन मेले का आयोजन

घटारानी माता के मंदिर में साल में दो बार दो दिन मेले का आयोजन किया जाता है मेले में विभिन्न शहरों से यहां दुकानदार आते हैं मेले कों

देखने आसपास के गांव के लोग आते हैं। घटारानी माता के शारदीय ओर चौत्र नवरात्रा में मेले का आयोजन होता है

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