पूरी धरती स्नेह की प्यासी है- मुनि अतुल
दैनिक भीलवाड़ा न्यूज, भीलवाड़ा। नागौरी गार्डन तेरापंथ भवन मुनिद्वय का मंगल भावना संदेश रात्रिकालीन प्रवचन श्रृंखला के अंतर्गत मुनि अतुल कुमार ने कहा जिस तरह संतरे को निचोड़ने से संतरे का रस, अमरूद को निचोड़ने से अमरूद का रस, अंगूर को निचोड़ने से अंगूर का रस निकलता है उसी तरह इंसान के स्वभाव का रस स्नेह है। भारतीय संस्कृति में पाणिग्रहण यानी विवाह की प्रथा रही है। एक बार किसी का हाथ थाम लिया तो ताउम्र उस रिश्ते को निभाना होता है ।मुनि ने कहा लव मैरिज और अरेंज मैरिज दो प्रकार के विवाह का प्रावधान है।अरेंज मैरिज में घर परिवार के सदस्यों की सहमति होती है। इस शादी को कराने के लिए ऑनलाइन मैट्रिमोनियल साइट्स से लेकर अखबारों में दिए विज्ञापन तक मौजूद है।आज भी भारतीय परिवारों में परिवार के बड़े ही शादी लायक युवाओं के लिए जीवन साथी चुनते है।अरेंज मैरिज में लड़के और लड़की दोनों के पारिवारिक और सामाजिक स्टेटस, जाति कुंडली जैसी बातें भी देखी जाती है।इन सभी बातों के बावजूद यह कहना मुश्किल है कि अरेंज या लव दोनों में से कौनसी शादी बेहतर है या ज्यादा समय तक कौनसी शादी टिकेगी।मुनिश्री ने कहा शादी किसी भी तरह की हो पर सामंजस्य बनाए रखने के लिए पति पत्नी दोनों को थोड़े बहुत समझौते करने पड़ते है।अरेंज मैरिज में शुरुवात के दिनों में दोनों ही पक्ष एक दूसरे को नहीं जानते है और इसलिए एक दूसरे को समझने और समझौते करने के लिए तैयार रहते है। उन्हें एक दूसरे से उम्मीद भी कम रहती है।वहीं लव मैरिज में दोनों ही एकदुसरे को अच्छी तरह से जानते है । उनके दिमाग में आने वाले जीवन को लेकर पहले से ही एक छवि के साथ ही एक दूसरे से कई अव्यवहारिक उम्मीदें भी हो जाती है।सुंदर और बेहतरीन शादीशुदा जिंदगी के लिए भरोसा, प्यार और परिस्थिति के अनुसार समझौता बेहद जरूरी है, जो किसी भी वैवाहिक संबंध की लंबी उम्र की गारंटी बन सकता है।कपल्स को यह समझना चाहिए कि शादी चाहे अरेंज हो या लव,यह सिर्फ दो लोगों के बीच का रिश्ता नहीं है, बल्कि इसमें दो परिवार भी शामिल होते है। इच्छाओं और भावनाओं की कद्र करने से रिश्ते मजबूत होते है।पूरी धरती स्नेह की प्यासी है।स्नेह इंसान का मूल स्वभाव है। नागौरी गार्डन महिला मंडल से पुष्पा पामेचा, अनीता हिरण, स्नेहलता झाबक, अपेक्षा पामेचा ने विदाई गीत प्रस्तुत किया। नवरतन झाबक ने समस्त नागौरी गार्डन की ओर से मुनिद्वय से खमत खामणा करते हुए सफल प्रवास के लिए कृतज्ञता ज्ञापित की और कहा कि मुनि अतुल कुमार के प्रेरणादायक प्रवचनों से लोगों में आध्यात्मिक चेतना जागृति का वातावरण बना।
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