कोरोना जैसा वायरस राजस्थान में: 12-15 दिन तक नहीं जा रही खांसी, फेफड़ों में भी फैल रहा इंफेक्शन

दैनिक भीलवाड़ा | 10 Mar 2023 06:01

दैनिक भीलवाड़ा न्यूज। राजस्थान ही नहीं देशभर में H3N2 नाम के वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है। इस वायरस की चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे आ रहे हैं, उन्हें ठीक होने में 10 से 12 दिन तक लग रहे हैं। 7% बच्चों को तो कंडीशन बिगड़ने पर ICU तक में भर्ती करना पड़ रहा है।

वायरस फ्लू श्रेणी का है, लेकिन इसका असर कोरोना की तरह देखा जा रहा है। यानी बुखार के साथ फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहा है।

एक्सपट्‌र्स ने बताया कि ओपीडी में आने वाला हर तीसरा या चौथा मरीज H3N2 या इससे मिलते-जुलते वायरस की चपेट में आ रहा है। मरीज के तेज बुखार के बाद लंबे समय तक खांसी चलने की शिकायत ज्यादा आ रही है।

बुखार टूटने के बाद लंग्स पर असर, सूखी खांसी बन रही मुसीबत

डॉक्टर के मुताबिक इन वायरस की चपेट में आने वाले मरीजों में बुखार टूटने के बाद खांसी शुरू होती है और ये लंबे समय तक रहती है। खांसी काफी तेज होती है और ये ठीक होने में 10 से 12 तक ले रही है। इन दिनों देखने को मिल रहा है कि कई मरीजों में खांसी 3 सप्ताह में भी पूरी तरह खत्म नहीं हो रही।

कई मरीजों में निमोनिया की कंडीशन बन रही

डॉक्टरों का कहना है कि H3N2 वायरस के संक्रमित हो रहे कुछ मरीजों में लंग्स में ज्यादा इंफेक्शन फैल रहा है। इससे निमोनिया होने की भी कंडीशन बन रही है। अक्सर बुजुर्ग या छोटे बच्चों में केस ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की भी नौबत आ रही है।

बुखार कितने दिनों में उतर जाता है?

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) का मानना है कि इन्फेक्शन के लक्षण पांच से सात दिनों तक बने रहे सकते हैं। H3N2 से होने वाला बुखार तीन दिनों में उतर जाता है। लेकिन खांसी तीन हफ्ते से ज्यादा दिनों तक बनी रहती है।

आखिर H3N2 वायरस क्या है?

H3N2 वायरस एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा वायरस है, जिसे इन्फ्लूएंजा ए वायरस कहा जाता है। यह एक सांस रिलेटेड वायरल इन्फेक्शन है जो हर साल बीमारियों का कारण बनता है। इन्फ्लूएंजा ए वायरस का सबटाइप है जिसकी खोज 1968 में हुई थी।

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